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छत्तीसगढ़

‘दृष्टि से परे दृष्टि : दृष्टि दिव्यांगों की गतिशीलता, स्वतंत्रता, लचीलापन और उपलब्धियों का उत्सव

विश्व श्वेत छड़ी दिवस

रायपुर, 15 अक्टूबर 2025/ प्रतिवर्ष 15 अक्टूबर को पूरे विश्व में विश्व श्वेत छड़ी दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर विभिन्न चौक-चौराहों पर दृष्टि दिव्यांगजनों द्वारा सामूहिक रूप से श्वेत छड़ी के माध्यम से रैली निकाली जाती है, जिससे आम नागरिकों में दृष्टि दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों, चुनौतियों और गतिशीलता के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता विकसित हो सके। इसका उद्देश्य समाज में दृष्टिबाधित व्यक्तियों के प्रति सहानुभूति, सम्मान और सामंजस्य की भावना को प्रोत्साहित करना है।इस अवसर पर शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ उच्च माध्यमिक विद्यालय, मठपुरैना, रायपुर के दृष्टि दिव्यांग विद्यार्थियों द्वारा पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय परिसर में श्वेत छड़ी से चलने का प्रदर्शन कर रैली निकाली गई।

विश्व श्वेत छड़ी दिवस की शुरुआत 15 अक्टूबर 1964 में हुई थी। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य आमजन को दृष्टि दिव्यांगों द्वारा श्वेत छड़ी के उपयोग के नियमों और उसके महत्व से अवगत कराना है। श्वेत छड़ी दृष्टि दिव्यांगों की स्वतंत्रता, आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान का प्रतीक है।

जानकारी के अभाव में आज भी कई शिक्षित लोग श्वेत छड़ी की उपयोगिता और आवश्यकता को नहीं समझ पाते। इसीलिए हर वर्ष 15 अक्टूबर को यह दृष्टि दिव्यांगों के अधिकारों और स्वतंत्रता के समर्थन में वैश्विक जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

वर्तमान समय में विभिन्न प्रकार की छड़ियाँ – जैसे श्वेत छड़ी, फोल्डिंग छड़ी और स्मार्ट छड़ी – उपयोग में लाई जा रही हैं। विभिन्न प्रयोगों के बाद विद्वानों द्वारा श्वेत रंग को अपनाया गया, क्योंकि यह रंग रात्रि के समय भी स्पष्ट दिखाई देता है और दृष्टि दिव्यांगों की पहचान में सहायक होता है। भारतीय संदर्भ में आज भी श्वेत छड़ी सबसे अधिक उपयोगी और प्रासंगिक सिद्ध हो रही है, जिससे दृष्टि दिव्यांग व्यक्ति सहजता से कहीं भी गतिशीलता कर सकते हैं।

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