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आज नरक चतुर्दशी: यमराज को करें दीपदान, जानिए क्या है इसके पीछे की पौराणिक कथा

नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दिवाली या रूप चतुर्दशी भी कहा जाता है, दीपावली के एक दिन पहले कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत और नकारात्मकता से मुक्ति का प्रतीक है।
नरक चतुर्दशी मनाने की पौराणिक कथा:
नरक चतुर्दशी का संबंध असुर नरकासुर के वध से जुड़ा हुआ है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, नरकासुर नाम का एक अत्याचारी राक्षस लोगों को बहुत कष्ट पहुंचा रहा था और देवताओं एवं साधारण जन को आतंकित कर रखा था। भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध कर, उसे उसके अत्याचारों से मुक्त किया और उसके द्वारा बंदी बनाई गई 16,000 कन्याओं को स्वतंत्र कराया। इस विजय के बाद, लोगों ने दीप जलाकर उल्लास मनाया और तभी से इस दिन को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है।