Maharashtra CM Face Election: कौन होगा महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री, आज हो सकता है फैसला, देखें किसने क्या कहा

नई दिल्ली/मुंबई। Maharashtra CM Face Election: महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला सोमवार 25 नवंबर को हो सकता है। इससे पहले, रविवार रात को मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे को शिवसेना विधायक दल का नेता चुन लिया गया। शिंदे को शिवसेना विधायक दल का नेता चुनने से संबंधित प्रस्ताव को मुंबई के एक होटल में आयोजित बैठक में सभी 57 नवनिर्वाचित विधायकों द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया।
बैठक में तीन अन्य प्रस्ताव भी पारित किए गए, जिनमें पार्टी को शानदार विजय दिलाने के लिए शिंदे को सराहा गया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया गया। साथ ही, महायुति गठबंधन पर विश्वास जताने के लिए महाराष्ट्र की जनता के प्रति आभार व्यक्त किया गया।
महाराष्ट्र सरकार के राज्यमंत्री और शिवसेना नेता दीपक केसरकर ने कहा कि पार्टी विधायकों का मानना है कि एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में काम करना जारी रखना चाहिए। राज्य विधानसभा चुनाव में फडणवीस के नेतृत्व वाली भाजपा ने 288 में से सर्वाधिक 132 सीट जीती हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अटकलें लगाई जाने लगी थीं।
शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को 57 सीट मिली थीं। फडणवीस ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद को लेकर किसी भी तरह के विवाद से इनकार करते हुए कहा कि महायुति के नेता मिलकर इस मुद्दे पर फैसला लेंगे।
सीएम को लेकर भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के नेता और भाजपा का नेतृत्व यह तय करेगा कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। बावनकुले ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने कांग्रेस को खारिज कर दिया है। इसकी प्रदेश इकाई के प्रमुख नाना पटोले महज 208 मतों के अंतर से चुनाव जीते हैं।
Maharashtra CM Face Election: विपक्ष के नेता का पद किसी को नहीं मिल सकेगा
महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की भारी जीत के बाद राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद किसी को नहीं मिल सकेगा, क्योंकि सत्तारूढ़ गठबंधन के बाहर कोई भी दल इसके लिए अनिवार्य 29 सीट हासिल नहीं कर सका है। चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, ‘इस विधानसभा चुनाव में जनता का जनादेश कांग्रेस के खिलाफ है। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष का नेता न होना कांग्रेस के कर्म का फल है।