
CG Ration: कवर्धा जिले में संचालित राशन दुकानों में बड़े पैमानें पर गड़बड़ी उजागर हुआ है। हांलाकि मामला कुछ साल पुराना है, लेकिन इन दुकानों पर वसूली की कार्रवाई बेहद धीमा है, अब तक सख्ती नहीं बरती गई है। लिहाजा राशन दुकान संचालक मनमौजी तरीके से अभी भी दुकानों का संचालन कर रहे है। जिसे लेकर खाद्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालियां निशान खड़े होते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार जिले के अलग-अलग जगहों पर संचालित राशन दुकानों में सितम्बर 2022 में भौतिक सत्यापान किया गया था, जिसमें भारी गड़बड़ी उजागर हुई थी, जिसमें राशन की गड़बड़ी तो हुई ही है। साथ ही शक्कर व नमक को भी नहीं छोड़ा गया है। हजारों क्विंटल चावल की गड़बड़ी सामने आई है। जिसकी वसूली को लेकर कार्रवाई सुस्त गति से हो रहा है। मामला तहसील न्यायालय में लंबित है। जिनके द्वारा भी कोई खासा रूचि नहीं दिखाया जा रहा है। खाद्य विभाग तो मानों मामला तहसील न्यायालय में पेश कर गहरी नींद में सो गया है। मानों इस मामले से उसका कोई लेना देना ही नहीं है।
5 हजार क्विंटल के करीब वसूली बाकी
राशन दुकानों में गड़बड़ी की बात करें तो कवर्धा ब्लाक में संचालित 6 दुकानें, बोड़ला में 5, लोहारा में 7, पंडरिया में 3, पिपरिया में 7, कुकदूर में 2, कुंडा में 1 व रेंगाखार क्षेत्र में 5 राशन दुकानें शामिल है। जिनका संचालन अलग-अलग महिला स्व सहायता समूहों द्वारा की जा रही है। जिनके दुकानों से कुल 34 हजार क्विंटल से अधिक चावल की कमी पाई गई थी। ऐसे ही नमक व शक्कर की भी कमी थी। 34 हजार क्विंटल चावल में से 29 हजार क्विंटल चावल की वसूली कर ली गई है। लेकिन अभी भी 5 हजार क्विंटल के करीब वसूली बाकी है, जिसे तहसील न्यायालय को सौंप दिया गया है, जिनके द्वारा वसूली में कोई खासा रफ्तार नजर नहीं आ रहा है।
तहसील न्यायालय में मामला लंबित
साल 2022 में राशन दुकानों का भौतिक सत्यापान किया गया था। जहां-जहां कमी पाई गई थी,उन्हें नोटिस जारी किया गया था। इनमें अधिकांश समितियों ने राशन जमा कर दिया है। जिन्होंने जमा नहीं किया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। ऐसे 3 समूहों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया है। 5 राशन दुकानोंको निलंबित किया गया है। वहीं 8 दुकानें निरस्त किया गया है। मामला अभी तहसील न्यायालय में लंबित है।