फर्जी डिग्री वाले ने की थी 8 मरीजों की हार्ट सर्जरी, सभी की मौत — पूर्व विधानसभा अध्यक्ष भी शामिल

अपोलो अस्पताल में ‘कातिल डॉक्टर’?
कांग्रेस ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, हत्या का केस दर्ज करने की मांग
बिलासपुर। अपोलो अस्पताल में फर्जी डॉक्टर की नियुक्ति और उससे जुड़ी 8 मौतों का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस ने इस मामले को लेकर बड़ा कदम उठाते हुए बिलासपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है और डॉक्टर समेत अपोलो अस्पताल प्रबंधन पर हत्या की FIR दर्ज करने की मांग की है।
जानकारी के मुताबिक, अप्रैल 2006 से मार्च 2007 के बीच अपोलो में नियुक्त डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव की डिग्रियां फर्जी थीं। इसी दौरान उसने 8 मरीजों की हार्ट सर्जरी की — जिनमें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्व. राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल भी शामिल थे। दुखद रूप से, सभी की सर्जरी के बाद मौत हो गई।
कांग्रेस का आरोप है कि अपोलो प्रबंधन ने पूरे मामले को दबाने की कोशिश की। फर्जी डॉक्टर को चुपचाप बाहर भेज दिया गया। जब सच्चाई सामने आई तो प्रबंधन ने नियुक्ति की जिम्मेदारी चेन्नई यूनिट पर डाल दी — यानी सीधे तौर पर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की कोशिश।
कांग्रेस ने की ये बड़ी मांगें:
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फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव और
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अपोलो चेयरपर्सन डॉ. प्रताप रेड्डी,
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एक्सक्यूटिव चेयरपर्सन पृथा रेड्डी,
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रीजनल हेड डॉ. मनीष मट्टू और
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यूनिट हेड अर्णव राहा के खिलाफ
IPC की धारा 302 (हत्या) के तहत FIR दर्ज की जाए।
डॉक्टर्स की डिग्रियां सार्वजनिक करने की भी मांग
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने यह भी कहा कि सभी निजी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों की शैक्षणिक योग्यता जनता के सामने रखी जाए। इसके साथ ही विदेश से डिग्री लेकर आने वाले डॉक्टरों की वैधता की जांच और FMGE परीक्षा पास करने की अनिवार्यता लागू की जाए।
2 मई को ‘स्वास्थ्य न्याय यात्रा’
कांग्रेस प्रवक्ता ऋषि पांडेय ने बताया कि अगर सरकार ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो 2 मई को अपोलो से नेहरू चौक तक ‘स्वास्थ्य न्याय यात्रा’ निकाली जाएगी, जिसमें कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भी शामिल रहेगा।