राशन दुकान से 464 क्विंटल चावल और 3.95 क्विंटल शक्कर गायब

2 लोगों पर एफआईआर, खाद्य विभाग ने थाने में दर्ज कराया प्रकरण
रायपुर। रायपुर जिले में शासकीय उचित मूल्य की दुकान में 464 क्विंटल चावल व 3.95 क्विंटल चावल का स्टॉक कम पाए जाने पर दुकान संचालन करने वाली संस्था के अध्यक्ष व विक्रेता के खिलाफ खाद्य विभाग ने खमतराई पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। कम पाए गए खाद्यान्न की कीमत लगभग 18 लाख रुपए की बताई गई है।
रायपुर जिले के खाद्य नियंत्रक भूपेंद्र मिश्रा ने बताया कि शासकीय उचित मूल्य की दुकान आईडी क्रमांक 441001194 व 441001014 में मां कंकाली महिला स्व-सहायता समूह में अनाधिकृत रूप से अध्यक्ष बनकर दुकान संचालन व वास्तविक स्थिति छुपाने पर अध्यक्ष/विक्रेता के खिलाफ कलेक्टर के निर्देश पर खमतराई पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। मां कंकाली महिला स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकान की जांच कर प्रस्तुत प्रतिवेदन अनुसार शासकीय
कम पाए गए खाद्यान्न की कीमत लगभग 18 लाख रुपए की बताई गई
उचित मूल्य दुकान 441001194 में 222.69 क्विंटल चावल व 3.24 क्विंटल शक्कर तथा दुकान 441001014 में 241.58 क्विंटल चावल व 0.71 क्विंटल शक्कर की कमी पाई गई है। इस संबंध में अध्यक्ष/विक्रेता को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। बीते 13 मार्च को दुकान 441001194 को निलंबन से मुक्त किए जाने के लिए आदेशित किया था, लेकिन मां कंकाली महिला समूह की प्रमाणितकता के संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर 26 मार्च को कार्यालय पंजीयक फर्म व सोसायटी से अध्यक्ष /सचिव/संचालक मंडल की अद्यतन सूची, दुकान का प्राधिकार-अनुबंध
पत्र, संस्था की तीन वर्षों की ऑडिट रिपोर्ट, बैंक खाता पासबुक, कम पाए गए खाद्यान्न की शेष बचत राशि जमा किए जाने के लिए शपथ पत्र प्रमाणित दस्तावेज दो दिवस में प्रस्तुत करने निर्देशित किया गया था। खाद्यान्न के स्टॉक में पाए गए अंतर प्रतिपूर्ति के लिए अध्यक्ष / विक्रेता को निर्देशित किया जा चुका है। साथ ही अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा आरसीसी का प्रकरण दर्ज कर वसूली किए जाने के लिए भी पत्र भेजा गया है। अध्यक्ष/विक्रेता द्वारा निर्धारित समय में स्पष्ट प्रमाणित दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया है और न ही दुकान में कम पाए गए खाद्यान्न की प्रतिपूर्ति की गई है। अनधिकृत रूप से अध्यक्ष बनकर दुकान संचालन व शासन को वास्तविक स्थिति छुपाने के कारण शासकीय खाद्यान्न की क्षति व शासन को आर्थिक नुकसान हुआ है। कलेक्टर ने जांच प्रतिवेदन में उल्लेखित शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालन से संबंधित सभी आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश जारी किए थे।